केंद्र की UDAY योजना के चलते राज्यों पर बढ़ा वित्तीय बोझ: रिजर्व बैंक


केंद्र सरकार की उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के चलते राज्यों की वित्तीय स्थिति पर विपरीत असर पड़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में इस स्कीम को राज्यों की खराब आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस स्कीम के तहत बिजली के बकाये के चलते कंपनियों को होने वाले घाटे की भरपाई सरकार करती है। 'स्टेट फाइनैंसेज: अ स्टडी ऑफ बजट्स ऑफ 2016-17' नाम से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, 'बीते 10 से ज्यादा सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्यों का राजकोषीय घाटे और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात 3 फीसदी के स्तर को पार करते हुए 3.6 तक पहुंच गया है। इसकी वजह पावर प्रॉजेक्ट्स के लिए लोन और अडवांस दिया जाना है।'

सितंबर, 2015 तक के आंकड़ों के मुताबिक बिजली कंपनियों पर बकाया करीब 75 फीसदी राशि को राज्य सरकारों ने अपने ऊपर ले लिया। इसके लिए बड़े पावर प्रॉजेक्ट्स के लिए अडवांस दिया और लोन भी मुहैया कराया। यही नहीं आरबीआई ने किसानों की ऋण माफी पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे कदमों से सीधे तौर पर राज्यों पर मिडियम टर्म में वित्तीय बोझ बढ़ेगा। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया, 'इस लोन माफी से किसानों को बोझ अचानक कम हो जाएगा। यह स्कीम पैसे को टैक्सपेयर्स से लेकर सीधे कर्जधारक को देने जैसी है। इसका राज्य की आर्थिक स्थिरता पर सीधा असर पड़ता है।'

जीएसटी से जताई बड़े फायदे की उम्मीद
हालांकि आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी से राज्यों की वित्तीय सेहत सुधरने की उम्मीद जताई है। बता दें कि केंद्र सरकार 1 जुलाई से देश भर में जीएसटी लागू करने की कोशिशों में जुटी है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'जीएसटी का सफल क्रियान्वयन और आसान टैक्स व्यवस्था से राज्यों को अतिरिक्त राजस्व मिल सकेगा।'

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